कौसानी – बागेश्वर का लोकप्रिय स्थल
कौसानी हिमालय की गोद में बसा उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत हिल स्टेशनों में से एक है, जो लोगों द्वारा ‘भारत के स्विट्ज़रलैंड’ के नाम से जाना जाता है और कई प्रकृति प्रेमियों के लिए सपनों की भूमि के रूप में जाना जाता है। यह बागेश्वर ज़िले के गरूड़ तहसिल का एक छोटा सा गाँव है, इसकी खूबसूरती से आकर्षित होकर साल भर में अनेकों लोग घूमने के लिए यहाँ छुट्टियों में आते हैं और अपने दोस्तों के साथ या, परिवार के साथ समय व्यतीत करते हैं। अल्मोड़ा ज़िले से महज़ 53 किमी. दूर, कोसी और गोमती नदी के बीच बसा यह बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थल है जो 1890 मीटर की उंचाई पर स्थित है। इसके खूबसूरत प्राकृतिक नज़ारे, साहसिक गतिविधियाँ व खेल लोगों को यहाँ आने के लिए आकर्षित करते हैं। कौसानी से हिमालय की चोटियाँ बेहद खूबसूरत दिखाई देती हैं, जो इस हिल स्टेशन का एक मुख्य बिन्दु है।
हरी-भरी पहाड़ियों और हिमालय श्रृंखला के मनोरम दृश्यों के साथ, कौसानी पहाड़ी इलाकों और शांत वातावरण से प्यार करने वाले लोगों के लिए एक चुनिन्दा गन्तव्यों में से एक है। यह कई प्रसिद्ध और खूबसूरत पहाड़ियों और पहाड़ों से ढका हुआ है जैसे नंदा देवी, पंचाचुली पीक्स और साथ ही कई अन्य हिमालयी पहाड़, जो इसे एक टूरिस्ट के लिए जाने लायक एकदम सही जगह बनाते हैं।
कौसानी का इतिहास:
कौसानी कत्युरी राजवंश का एक प्रमुख प्रशासनिक हिस्सा था, जिसने 10वीं शताब्दी में इन क्षेत्रों पर शासन किया था। उस समय के अवशेष अभी भी कौसानी के विभिन्न हिस्सों में देखे जा सकते हैं और यह कई पर्यटकों और यात्रियों के लिए एक केंद्र बिंदु है। इसके अलावा, सुमित्रानंदन पंत नाम के प्रसिद्ध कवि भी कौसानी में ही पैदा हुए थे और उनकी रचनाओं ने कौसानी को भारतीय जनसांख्यिकी के मानचित्र में रखा। उनकी कविताएँ आज भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के कई कोनों में चर्चित हैं।
महात्मा गांधी भी एक बार संक्षिप्त समय के लिए कौसानी में रुके थे, और यह इस समय के दौरान उन्होंने इसकी मनोरम सुंदरता और हिमालय पर्वतमाला के दिखने की वजह से इसे भारत के स्विट्जरलैंड के रूप में करार दिया, तबसे यह स्थान ‘भारत के स्विट्ज़रलैंड’ के नाम से जाना जाता है।
इसकी खूबसूरती देखकर कोई भी इस जगह का दीवाना हो जाएगा। यहाँ के हरे-भरे खेत, ऊँची पहाड़ियाँ किसी भी कवि के लिए अपनी कविता की रचना करने हेतु या किसी लेख लिखने हेतु शब्दों को जुटाने के लिए उत्तम है।
कौसानी में पर्यटन:
कौसानी में पर्यटन एक अच्छी कंपनी के साथ एक असाधारण गतिविधि बन सकती है। कौसानी में तथा उसके आसपास विभिन्न स्थानों को देखा जा सकता है, जिनकी खूबसूरती देखने लायक है, जिनमें से कुछ हैं:
सुमित्रानंदन पंत की गैलरी: बस स्टेशन से कुछ दूरी पर ही स्थित सुमित्रानंदन पंत जी को समर्पित उनकी गैलरी है, जिसमें उनका शुरुआती जीवन बीता था, वह जगह जहाँ से उनके अंदर का कवि बाहर आया था। बाद में इस स्थान को उनकी गैलरी में तब्दील कर दिया गया और उनके जीवन से जुड़े हुई महत्वपूर्ण यादें, रचनाएँ, पुरस्कार, आदि रखे गए हैं। इस स्थान पर एक कवि के जीवन की महक आती है जो आने वाले युवा कवियों को बहुत प्रभावित कर सकती है, तथा उन्हें भी सुमित्रानंदन पंत जी की तरह कविता पाठ व लेखन के लिए प्रेरित कर सकती है।
अनाशक्ति आश्रम: यह गाँधी जी को समर्पित एक आश्रम है, जो गाँधी आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। गाँधी जी जब यहाँ ठहरे थे, उन्हीं की याद में उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इसका निर्माण किया गया था। गाँधी जी के जीवन को कौसानी ने बहुत प्रभावित किया था, इसी जगह पर उनके द्वारा लिखे गए अनासक्ति योग नामक लेख की रचना हुई थी, बाद में उसी लेख की वजह से इसका नाम अनासक्ति आश्रम रखा गया। इस आश्रम में, गांधी जी से सम्बन्धित चित्र हैं, एक छोटा सा पुस्तकालय है, ए क अध्ययन कक्ष है तथा साथ में ही एक छोटी सी पुस्तकों की दुकान है। इस आश्रम से हिमालय का बेहद खूबसूरत नज़ारा देखा जा सकता है।
सरलाबेन अाश्रम: कैथरीन हिलमेन नाम की स्त्री ने इस प्रसिद्ध आश्रम की स्थापना 1948 में की थी, जो गांधी जी की एक अनुयायी थी। वर्तमान में यह आश्रम एक वर्कशाप के रूप में काम करता है, जो करीब 70 गरीब व अनाथ लड़कियों को पढ़ाता है व उनके रहने का स्थान है। यह लड़कियाँ चटाई, स्वेटर, आदि बुनती हैं तथा पढ़ाई के साथ साथ पशु पालन, सब्जी उगाने व खाना बनाने का कार्य भी करती हैं।
कौसानी टी स्टेट: यह चाय बगान 208 हेक्टेअर में फैला अपनी बढ़िया किस्म की चाय की सप्लाई के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। पर्यटक यहाँ आकर इस बगान में घूमते हुए फ़ैक्ट्री तक जाकर यहाँ से चाय के उत्पादन के बारे में जान सकते हैं, तथा यहाँ से चाय खरीद भी सकते हैं। वर्तमान में विश्व के कई कोनों जैसे अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, आदि में यहाँ की चाय का निर्यात किया जाता है।
कौसानी की मध्यम आकार की पहाड़ियों से युवा और ट्रेनों से आने वाले यात्रियों को यहाँ आने के दौरान विभिन्न साहसिक खेलों में शामिल होने की गुन्जाइश मिलती है। पर्वतारोहण गतिविधियों के अलावा, पैराग्लाइडिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, और स्कीइंग कुछ प्रमुख साहसिक खेल हैं, जो लोग कौसानी में छुट्टी के दौरान अनुभव कर सकते हैं। कौसानी में सबसे लोकप्रिय साहसिक गतिविधियों में से कुछ निम्नलिखित हैं: प्रसिद्ध रुद्रधारी फॉल्स के लिए यात्रा करना, राजसी पिंडारी ग्लेशियरों में चढ़ाई और स्कीइंग करना, एक छोटी व फिर भी काफ़ी रोमांचक पिन्ननाथ से भैरों मंदिर तक की यात्रा करना, आदि।
कौसानी कैसे पहुंचे?
कौसानी में सड़कों, रेलवे के साथ-साथ वायुमार्ग कनेक्टिविटी का व्यापक नेटवर्क है।
वायु मार्ग द्वारा: पंतनगर हवाई अड्डा यहाँ से निकटतम हवाई अड्डा है। यात्री पंतनगर हवाई अड्डे के माध्यम से कौसानी आसानी से पहुँच सकत हैं।
रेल मार्ग द्वारा: निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, यहाँ से कई ट्रेनें कौसानी के लिए उपलब्ध हैं।
सड़क मार्ग द्वारा: काठगोदाम से कौसानी के लिए टैक्सी और बस आसानी से ली जा सकरी है। इसके अलावा, दिल्ली से अल्मोड़ा, हल्द्वानी या नैनीताल के लिए आईएसबीटी बसें भी ले सकते हैं और कौसानी पहुँचने के लिए एक टैक्सी बुक कर सकते हैं।