बागेश्वर – प्राकृतिक वातावरण, ग्लेशियर, नदियों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध
उत्तराखंड के कुमाऊँ मण्डल में बसा बागेश्वर एक बेहद खूबसूरत ज़िला है जो सरयू नदी के किनारे बसा है। बागेश्वर की खास बात यह है कि यहाँ का वातावरण काफी ज़्यादा शान्त है। यह उत्तराखंड राज्य का एक अत्यंत लोकप्रिय पर्यटन और धार्मिक स्थल है। समुद्र तल से इस शहर की ऊँचाई लगभग 1000 मीटर से भी ऊपर है तथा यह शहर वही जगह है जहाँ सरयू और गोमती नदियाँ मिलती हैं तथा बागेश्वर इन दोनों नदियों के मिलन के रूप में भी जाना जाता है। जह भी आप बागेश्वर जाएंगे, आप अवश्य ही सड़क के साथ-साथ बहती हुई इन नदियों की प्रशंसा करते रह जाएंगे, ये नदियाँ वाकई में सड़क से बेहद खूबसूरत दिखाई पड़ती हैं।
बागेश्वर शहर के बारे में एक और आकर्षक बात यह है कि यह पूरे उत्तराखण्ड में या कहें पूरे उत्तर भारत में भगवान शिव के भक्तों के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। बागेश्वर के पूर्वी मोर्चा बिलेश्वर की पहाड़ियों से और पश्चिमी मोर्चा नीलेश्वर पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जहाँ उत्तरी मोर्चे पर सूरजकुण्ड तथा दक्षिणी मोर्चा अग्निकुंड से घिरा हुआ है। बागेश्वर से चारों दिशाओं का बेहद खूबसूरत नज़ारा दिखाई पड़ता है तथा यह नज़ारा मन को बेहद खुशी प्रदान करता है।
बागेश्वर का इतिहास:
बागेश्वर ने कई हिंदू पौराणिक कथाओं व साहित्य में एक विशेष स्थान पाया है, और विभिन्न स्रोतों से पता चला है व कई कथाएँ यह पुष्टि करती हैं कि बागेश्वर वह स्थान था जहाँ लोगों कई संतों द्वारा भक्त भगवान शिव की पूजा की जाती थीे। इसलिए, जब ऋषि मार्कंडेय ने पूजा करके भगवान शिव को प्रसन्न किया था तब उन्होंने बागनाथ मंदिर का निर्माण किया, जो उस समय से भगवान शिव के भक्तों के लिए एक प्रतिष्ठित गंतव्य बन गया तथा जिसकी वजह से वह बागेश्वर शहर का सबसे बड़ा आकर्षण केन्द्र बन गया है, जहाँ हर वर्ष अनेक शिव भक्त आकर पूजा-अर्चना करते हैं तथा यहाँ आकर भगवान शिव को याद करते हैं।
बागेश्वर में दर्शनीय स्थल:
गोमती और सरयू नदी के तट पर स्थित एक छोटा सा शहर बागेश्वर सदियों से भगवान शिव के लाखों भक्तों को आकर्षित करता है और ऐसा करना जारी रखा है। यहाँ विभिन्न मंदिर हैं, जिन मंदिरों के दर्शन की वजह से यहाँ आने वाले अधिकांश लोग आनंद लेते हैं, और इसके अलावा, इस जगह की शांति इसे जो लोग अकेले यात्रा करना चाहते हैं, उन यात्रियों के लिए एक आवश्यक तथा शान्तिमय यात्रा बनाती है।
बागेश्वर में दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए सबसे रोमांचक स्थान निम्नलिखित हैं:
• बागनाथ मंदिर: बागनाथ मंदिर शिवजी को समर्पित एक मंदिर है, जो सरयू व गोमती नदियों के संगम में स्थित है। 1450 ई.पू. में बना यह एक मंदिरों का समूह स्थल है जहाँ के प्रमुख मंदिरों में हनुमान मंदिर, भैरव मंदिर, दुर्गा मंदिर, कालिका मंदिर, आदि हैं। साल भर में यहाँ अनेकों श्रद्धालु आते हैं तथा शिवरात्रि के महावसर पर यहाँ श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है। यह मंदिर दिखने में काफी सुन्दर, शान्ति पूर्ण व बागेश्वर का एक काफ़ी आकर्षक स्थल है।
• चंडिका मंदिर: यह मंदिर माँ चण्डिका को समर्पित है तथा बागेश्वर से करीब आधे किमी. दूर है। यहाँ चंडिका माता की पूजा की जाती है तथा यह मंदिर भी उत्तराखंड में बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ श्रद्धालु साल के हर समय आ सकते हैं, लेकिन नवरात्रि के दौरान यहाँ श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है।
• बैजनाथ मंदिर: बैजनाथ, जैसा कि इसका नाम ही दर्शाता है (शिवजी का एक नाम), शिवजी को ही समर्पित एक मंदिर है, जो बागेश्वर से लगभग 26 किमी. दूर है तथा कौसानी से 19 किमी. दूर है। यह मंदिर गोमती नदी के किनारे है, तथा मंदिर में पहुँचने के लिए नदी से सीढ़ियाँ बनी हुई हैं, यह सीढ़ियाँ पत्थर की बनी हुई हैं जो कत्यूरी रानी के आदेशों द्वारा बनाई गई थी। माना जाता है कि कभी यह जगह कत्यूरी राजवंश के राजाओं की राजधानी थी।
• गौरीउड्यार गुफा: यह बागेश्वर से 8 किमी. दूर स्थित करीब 20 गुणा 95 वर्ग किमी. की एक गुफा है। यह दिखने में बेहद खूबसूरत तथा शान्त गुफा है। यहाँ शिवजी की अनेक मूर्तियाँ हैं, जिनकी पूजा की जाती है। साल भर में यहाँ भी अलेकों श्रद्धालु आते हैं तथा गुफा के दर्शन करते हैं।
• श्रीहरु मंदिर: यह मंदिर अपने विजया दशमी के दिन आयोजित होने वाले मेले के लिए काफी प्रसिद्ध है। बागेश्वर से 5 किमी. दूर एक शान्त वातावरण के बीच बसा यह एक बेहद खूबसूरत मंदिर है। लोगों का मानना है कि इस मंदिर में सारी मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं। इसलिए यहाँ पूजा करने व अपनी इच्छा पूरी करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं, और सच्चे मन से की गई उनकी सारी इच्छाएँ फलित हो जाती हैं।
बागेश्वर में साहसिक कार्य:
बागेश्वर शांत एवं सेहत के लिए सबसे उत्तम साहसिक खेलों का एक उत्कृष्ट मिश्रण प्रदान करता है, जो किसी भी व्यक्ति को आकर्षित कर सकते हैं। बागेश्वर शहर में सबसे लोकप्रिय और सबसे ज़्यादा मांग वाली साहसिक गतिविधियों में से कुछ निम्नलिखित हैं:
• कौसानी रॉक में पर्वतारोहण
• पंडारी ग्लेशियरों में ट्रैकिंग
उपरोक्त गतिविधियों के अलावा, बागेश्वर विभिन्न अन्य निजी पर्यटन और हर प्रकार के मौसम के अनुसार ग्राहकों और यात्रियों के लिए यहाँ से आस-पास की पहाड़ियों व इससे जुड़ी हुई कुछ लोकप्रिय जगहों की यात्राएँ भी प्रदान करता है।
बागेश्वर कैसे पहुँचें?
बागेश्वर उत्तराखंड के विभिन्न शहरों और कस्बों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह नैनीताल से लगभग 140 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यात्री देश के विभिन्न हिस्सों से बागेश्वर पहुँचने के लिए एयरवेज, रोडवेज के साथ-साथ रेलवे का उपयोग कर सकते हैं।
वायु मार्ग द्वारा: निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी से साप्ताहिक उड़ानें हैं। आप पंतनगर तक वायु मार्ग द्वारा आकर उसके बाद वहाँ से टैक्सी या बस द्वारा बागेश्वर तक आ सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा: निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है। भारत के कई कोनों से काठगोदाम के लिए उचित ट्रेनें उपलब्ध रहती हैं।
सड़क मार्ग द्वारा: सड़क मार्ग द्वारा आने के लिए आप अपने स्थान से नैनीताल, अल्मोड़ा या हल्द्वानी के लिए बस ले सकते हैं और शेष यात्रा के लिए एक टैक्सी या टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।
बागेश्वर से प्रमुख शहरों की दूरी:
दिल्ली: 450 किमी.
नैनीताल: 140 किमी.
मसूरी: 330 किमी.
हल्द्वानी: 170 किमी.
बरेली: 270 किमी.
लखनऊ: 520 किमी.