देहरादून – उत्तराखंड की राजधानी
हिमालय और शिवालिक श्रेणी की गोद में बसा, देहरादून एक सुंदर शहर है, जोे गंगा और यमुना नदी के बीच स्थित है। इसे भारत के एक सुंदर पर्वतीय राज्य ‘उत्तराखंड’ की राजधानी की वजह से पूरे विश्व में जाना जाता है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को बहुत आकर्षित करती है; इसलिए देहरादून छुट्टियों में सैलानियों व पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
प्राकृतिक सुंदरता के अतिरिक्त, देहरादून को एक शिक्षा शहर के रूप में भी पूरे भारत में जाना जाता है; प्रसिद्ध और सबसे पुराना ‘दून स्कूल’ देहरादून में ही स्थित है। यहाँ कई अन्य प्रसिद्ध स्कूल और कालेज हैं, जहाँ पूरे भारत के बच्चे पढ़ाई करने आते हैं। इसके अलावा, देहरादून शहर को चंडीगढ़ के बाद पूरे उत्तर भारत में एक फैशन शहर के रूप में भी जाना जाता है; इसलिए, यहाँ फैशन डिजाइनिंग के कई संस्थान भी हैं।
IMA (इंडियन मिलिट्री अकादमी) भी यहाँ ही है, जो हमारे देश के नागरिकों को अपने देश की सेवा करने के लिए जगह देता है। जब कभी आप उस अकादमी के पास से गुजरते हैं, तो आप भी वैसी ही देशभक्ति की भावना महसूस करते हैं जैसी हमारे आने वाले सैनिकों को महसूस होती है।
देहरादून अपने FRI (फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट), वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ब्लाइंड्स, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम, ONGC (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन), सर्वे ऑफ इंडिया, आईटी पार्क के लिए भी पूरे भारत में प्रसिद्ध है।
देहरादून को इसका नाम गुरु राम राय के निवास स्थान (डेरा) से मिला और यह जगह चारों ओर से दून पहाड़ियों से घिरी हुई है, इसलिए इसका पूरा नाम ‘देहरादून’ रखा गया। देहरादून में विभिन्न धार्मिक कथाएँ और संस्कृतियाँ भी हैं; रामायण में बताया गया है कि लंका के राजा रावण का वध करने के बाद भगवान राम यहाँ आए थे। यह भी माना जाता है कि महाभारत काल में, द्रोणाचार्य जी भी यहाँ रहते थे।
देहरादून में आप पूरे भारत से आए हुए हर तरह के व हर वेश-भूषा के लोगों को देख सकते हैं; इसलिए यहाँ हर संस्कृति, उनके कपड़ों, उनके भोजन, उनके त्योहारों आदि के करीब होने का एक अलग ही मज़ा है। हिंदी, गढ़वाली, जौनसारी देहरादून में मुख्य रूप से वार्तालाप के रूप में प्रयोग की जाती हैं।
देहरादून शहर 300 वर्ग किमी. में फैला हुआ है और यहाँ की जनसंख्या लगभग 16 लाख के करीब है, जिसकी साक्षरता दर 85.24 प्रतिशत है, घनत्व लगभग 550 प्रति किमी. है और समुद्र तल से ऊँचाई 447 मीटर है। यह शहर अपने नज़ारे और यहाँ के वातावरण के लिए खुद में बहुत अनोखा है और देहरादून की एक खास बात है कि जब तक आप एक लंबा समय यहाँ नहीं बिताएँगे, तब तक आपको यहाँ की मन को हर लेने वाली जलवायु के बारे में सही से पता नहीं चलेगा। और रही बात देहरादून के वातावरण के बारे में, तो यहाँ बहुत ठंडा नहीं है, न ज़्यादा गर्मी है, कभी-कभार अचानक भारी बारिश होती है और यहाँ की सर्दियाँ भी अनोखी होती हैं, गर्मियों का तापमान कभी भी बहुत अधिक नहीं होता है व हवा शान्त होती हैं। आप ऐसे मौसम में एक लम्बी ड्राइव में भी जा सकते हैं। देहरादून में अनोखा वातावरण है व यहाँ का जीवन सुकून भरा है। अगर एक बार आप यहाँ आते हैं, तो आप यहाँ से चले जाएंगे, तो आपका वापिस आने का मन करेगा। यह मानसून के समय बारिश के उच्चतम स्तर के लिए भी जाना जाता है।
मसूरी देहरादून शहर से सिर्फ 35 किमी. दूर है तथा आप यहाँ से आसानी से मसूरी जा सकते हैं, तथा हरिद्वार सिर्फ 55 किमी. दूर, ऋषिकेश भी यहाँ से सिर्फ 50 किमी. दूर है जो आपकी यात्रा की शुरुआत को बहुत अच्छी बनाता है। देश की राजधानी दिल्ली से भीे यह महज़ 260 किमी. दूर है, और चंडीगढ़ से यह सिर्फ 172 किमी. कि दूरी पर स्थित है। देहरादून में साल के किसी भी समय आया जा सकता है क्योंकि यह हर मौसम सदाबहार है लेकिन अगर आपके पास समय की कमी है और आप देहरादून जाना चाहते हैं, तो देहरादून में घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून तक है इस वक़्त यहाँ का मौसम बहुत सुखद व सुहावना रहता है। उत्तराखंड का सबसे लोकप्रिय हवाई अड्डा देहरादून में है, जो जॉली ग्रांट में स्थित है। यहाँ घरेलू उड़ानें पूरे देश से संचालित होती हैं। अगर आप उत्तराखण्ड वायु मार्ग से आना चाहते हैं, तो यह जगह सबसे उत्तम रहेगी।
देहरादून में आप निम्न स्थानों को देख सकते हैं:
टपकेश्वर मंदिर: टपकेश्वर वन क्षेत्र में स्थित भगवान शिव का प्राचीन मंदिरों में से एक है। मंदिर और शिवलिंग प्राकृतिक गुफा के अंदर स्थित हैं; मंदिर के अंदर की चट्टानों से लगातार पानी की बूंदें गिरती रहती हैं। मंदिर के बीच में एक नदी भी बहती है और यह बहुत ही सुन्दर है। महाशिवरात्रि के समय, भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए बहुत से लोग यहाँ आते हैं। यह माना जाता है कि महाभारत काल के दौरान, गुरु द्रोणाचार्य के साथ पाण्डव व कौरव अपनी शिक्षा प्राप्त करने के दौरान यहाँ रहते थे।
FRI (वन अनुसंधान संस्थान): FRI 50 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ, अनुसंधान और शिक्षा के लिए सबसे बड़े और सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है। 1878 में ब्रिटिश इंपीरियल फ़ॉरेस्ट स्कूल के रूप में स्थापित किया गया था, और बाद में 1906 में इसे इंपीरियल फ़ॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के रूप में फिर से स्थापित किया गया। यहाँ पर कोई भी व्यक्ति पूरा दिन सिर्फ अपने प्रियजनों के साथ बैठकर प्रकृति का निहारने में बिता सकता है। यहाँ के इमारत की वास्तुकला 114 साल पुरानी है और अगर आप यहाँ आते हैं, आपको यहाँ आने पर खेद नहीं होगा बल्कि आप यहाँ से जाने के बाद FRI में दोबारा आना चाहेंगे। FRI में वन सम्बन्धित कई संग्रहालय भी हैं; आप उन संग्रहालयों को देख सकते हैं तथा इस दौरान आप बहुत कुछ जान भी सकते हैं। FRI कैंपस बहुत सुंदर है कि आप यहाँ अपने फोटोग्राफी के हुनर की भी जांच कर सकते हैं, कई फिल्में इस परिसर में भी शूट की जाती हैं।
देहरादून चिड़ियाघर: मसूरी जाने वाले रास्ते में स्थित मलसी डियर पार्क का अब नाम बदलकर देहरादून चिड़ियाघर कर दिया गया है। यह 25 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस चिड़ियाघर में कई जानवर हैं जैसे कि तोता, मोर, मगरमच्छ, कछुआ, तेंदुआ, बाघ, आदि। यहाँ एक बड़ा मछली ऐक़्वैरियम विभाग भी है जिसके शांत वातावरण में उनकी प्रजातियों के अनुसार विभिन्न मछलीघर में बहुत सारी मछलियों को एक साथ रखा गया है। एक किड प्ले ज़ोन भी है, जिसमें फोटो शूट के लिए विभिन्न कार्टून कैरेक्टर उपलब्ध हैं। 3-डी थिएटर, एक्वेरियम और स्नेक हाउस इस चिड़ियाघर के सबसे बड़े आकर्षण के केन्द्र हैं।
रॉबर की गुफा: रॉबर की गुफा उन चुनिन्दा जगहों में से एक है जब कोई देहरादून में होता है और उस वक़्त वह अलग-अलग अनुभवों को महसूस करना चाहता है। बहते पानी में 500 फीट के आस-पास एक गुफा में चलने के लिए मार्ग है जिसमें चलकर कोई भी गुफा के अंत तक जा सकता है और वहाँ एक छोटा सा झरना है। वॉशरूम, स्लीपर्स, फूड शॉप जैसी सुविधाएँ भी मौजूद हैं। इसके अलावा, गर्मियों में ही लोग यहाँ आना पसंद करते हैं क्योंकि मानसून के मौसम में जल स्तर में अचानक वृद्धि हो सकती है। इसलिए स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उस वक़्त नहीं आते।
बुद्ध मंदिर: इस मंदिर में एक बहुत शांत मन को मोहने वाला वातावरण व आँखों को आराम देने वाली हरियालीे हैं। यदि कोई व्यक्ति शांतिपूर्ण माहौल में समय बिताना चाहता है और देहरादून को ऊंचाइयों से देखना चाहता है, तो यह जगह सर्वोत्तम है। आप उन दुकानों से भी धार्मिक सामान खरीद सकते हैं जो मंदिर क्षेत्र के अंदर हैं। मंदिर की कहानियों के बारे में जानने के लिए आप यहाँ के बौद्ध भिक्षुओं से भी मिल सकते हैं। यह परिवार व दोस्तों के साथ एक धार्मिकता व आध्यात्म के बीच समय बिताने के लिए सबसे उत्तम जगह है। मंदिर के अंदर कोई फोटो खींचने की अनुमति नहीं है, लेकिन आप बाहर से फोटो खींच सकते हैं।
सहस्त्रधारा: सहस्त्रधारा देहरादून में पर्यटकों के लिए सबसे लोकप्रिय जगह है। यह देहरादून से 14 किमी. की दूरी पर स्थित है। सहस्त्रधारा का अर्थ है – हज़ार गुना वसंत। यहाँ के पानी में सल्फर होता है; इसलिए इस स्थान को त्वचा रोगों के लिए लाभदायक दवा और चिकित्सा के रूप में भी जाना जाता है। यहाँ के पानी के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। पानी की प्राकृतिक कहानी के अलावा, यह देहरादून के स्थानीय लोगों के लिए पिकनिक सपाँट के रूप में भी लोकप्रिय है।
देहरादून में वायु मार्ग से आने के लिए एक मात्र हवाई अड्डा जौलीग्रांट हवाई अड्डा है तथा आप रेल मार्ग से आने के लिए देहरादून रेलवे स्टेशन (या ऋषिकेश रेलवे स्टेशन और हरिद्वार रेलवे स्टेशन) से आ सकते हैं।